The Rest Frame
All the things are relative, this is my rest frame.
Yaar Kahan
Jul 16, 2020
खेलने को बुलाने वाला वो यार कहाँ
हँसाकार रुलाने वाला वो यार कहाँ;
“काम करले मैं कहूँगा नहीं” कहकर
शिकायत लगाने वाला वो यार कहाँ;
एक टाॅफ़ी को आधे-आधे हिस्सों में
तोड़कर खिलाने वाला वो यार कहाँ;
गणित का पूरा पेपर आने के बावजूद
उत्तर भी मिलाने वाला वो यार कहाँ;
हिन्दी के पेपर, पेन में पर्ची डालकर
नंबर भी दिलाने वाला वो यार कहाँ;
स्कूल के रास्ते में मुझे पिछे बैठाकर साईकिल चलाने वाला वो यार कहाँ;
Shiv Thory: Birthday Special
Jun 25, 2020
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यारी की जिम्मेदारी से उसे पल फ़ुरसत नहीं
थोरी जिसका यार उसे डरने की जरूरत नहीं, सुख में और दुख में सबके साथ खड़ता है वो
उसके रहते किसी यार को कोई ज़हमत नहीं, हर जश़्न उसकी मोजूदगी से आबाद होता है
सब हो और वो ना हो, ऐसी कोई दावत नहीं, दोस्ती में नोकझोंक उसकी हर किसी से होगी
उसका सबसे प्यार है, किसी से अदावत नहीं, या मुस्कराता रहे मेरा दोस्त ज़िन्दगी में हमेशा
भगवान के घर देर है अंधेर नहीं Bhagwan Ke Ghar
Jun 18, 2020
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ग़ज़ल
पीठ पर वार करने वालों की ख़ैर नहीं
ख़ंज़र लेकर खङे अपने ही है ग़ैर नहीं;
जाने किस बात को लेकर अदावत थी
हमने सोचा हमारा तुमसे कोई वैर नहीं;
मारा नहीं मुझे बस अधमरा छोङ दिया
सच विश्वासघात से बङा कोई ज़ैर नहीं;
ऐसा करके महान मत समझो ख़ुद को
मरा हुआ शिकार गीदड़ खाते शेर नहीं;
‘श्याम’ ने अपनी डोर ख़ुदा पर छोड़ दी
क्योंकि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं।
ग़ज़ल - रंग साँवला Ghazal 2
Jun 18, 2020
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हाँ! मैं मानता हूँ कि मेरा रंग साँवला है
चलो रंग है, काली नीयत से तो भला है;
सबूत मेंने एहसानों के टुकड़े नहीं खाए
मुश्किल हालात में मेरा बचपन पला है;
निशानी है मेरे परिवेश की मेरे प्रदेश की
जिसके मोहब्बत में मेरा तन मन ढला है;
धूप ने तो शायद मेरा चेहरा ही जलाया
नफरत की आग में मेरा दिल भी जला है;
औरों की तरह हम आरक्षण नहीं चाहते