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The Rest Frame

All the things are relative, this is my rest frame.

Dawat 2

May 20, 2020
Dawat 2
\ मोहम्मद सद्दाम हुसैन जावेद रंगरेज शक़्ल से बहुत भोले दिमाग से तेज, शक़्ल इतनी भोली कि लगती विचित्र स्कूल से थे वो हमारे एक अजीज मित्र। हमारे घर आए; लगा कोई काम बनाने आए पर वो तो सब्जी खाने आए, मैंने कहा दूर से आये हो खाना खाके जाना वो बोले मेंने कह दिया घर खाना ना बनाना। हम खाना खाने बैठे; मित्र बोले भाई तुम तो निकले फर्जी

Tum Kya jano

May 16, 2020
Tum Kya jano
सिर्फ फ्रिज का ठण्डा पानी पीने वालों घड़े के ठंडे पानी का स्वाद क्या जानो। बैग में वेसलीन हमेशा साथ रखने वालों काम में कैसे फट जाते हाथ क्या जानो। बाग में जाकर सिर्फ सेल्फी खींचने वालो पानी लगाते कैसे गुजरती रात क्या जानो। फ़ेसबुक के ग़म खुशी महसूस करने वालो हर सुख दुख में यारों का साथ क्या जानो। डॉक्टर माँ और डॉक्टर बाप की बेटी हो हम गरीब किसानों के हालात क्या जानो।

ਅੱਖੀਆਂ

May 15, 2020
ਅੱਖੀਆਂ
\ ਜਦੋਂ ਦਾ ਆਇਆ ਹੈ ਚੇਤਾ ਤੇਰਾ,ਦਿਲ ਨੂੰ ਕਿ ਹੋਈਆ ਹੈ ; ਤੇਰੇ ਵਿਚ ਹੀ ਖੋਹਿਆ ਰਹਿੰਦਾ,ਪਲ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸੋਯਾ ਏਹ। ਸਾਰੀ ਦੁਨਿਆ ਇੰਜ ਰੁਕਗੀ ਜਿਵੇਂ ਰੁਕ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਚਰਖੇ ਵੇ ਰਾਤਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਨਾ ਸੋਂਦਿਆਂ ਅਖਿਆਂ ਜਗਦੀਆਂ ਤੇਰੇ ਕਰਕੇ ਵੇ। ਤੂੰ ਤਾਂ ਸੁਣਦਾ ਨਹੀਂ ਵੇ ਕਿੰਨੂ ਦਸਾਂ, ਦਿਲ ਮੇਰੇ ਦਾ ਦੁਖੜਾ ਵੇ ਰੱਬ ਤੋਂ ਮੰਗਦੀ ਮਰਣੋੰ ਪਹਿਲਾਂ ਵੇਖਾਂ ਤੇਰਾ ਹਸਦਾ ਮੁਖੜਾ ਵੇ। ਕਲਾ ਨਾ ਤੁਰ ਜਾਈ ਦੁਨੀਆ ਤੋਂ ਮੈਨੂੰ ਵੀ ਲੈਜੀ ਹਥ ਫਙਕੇ ਵੇ

Ek Geet Likhu

May 13, 2020
Ek Geet Likhu
\ एक गीत लिखूँ और तेरे नाम करूँ, शब्दों में छंदो में, तुम्हारा ध्यान धरूँ; खुद को मनाऊँ अपना सम्मान करूँ एक गीत लिखूँ और तेरे नाम करूँ। विश्वास का विष तेरे हाथों से पीकर मरना बेहतर जाना इश्क़ में जीकर। दिल तेरी विषशाला, एक जाम भरूँ एक गीत लिखूं और तेरे नाम करूँ। देखकर तेरी सादगी खुद जैसा माना अब समझ आया गलत था पहचाना; अब नहीं दिल चाहता तुम्हें याद करूँ