It's Different

May 14, 2021 · 104 words · 1 minute read



मेरी बात अलग है , मेरा दिल गम में भी मुस्कुराता है
तुम अपनी सोचो दोस्त, ये हुनर सब तो थोड़ी आता है।

मेरी बात अलग है, मेरी किस्मत में भटकना लिखा है;
गिरकर फिर सम्भल जाना मेने ठोकरों से सीखा है।

मेरी बात अलग है, मैं तो हसकर रात काट लेता हूँ
तुम अपनी सोचो दोस्त, मैं दुःख खुद से बाट लेता हूँ।

मेरी बात अलग है, मेरी हर बात ही छोटी है,
एक हाथ में किताब पाश की है, दूसरे में रोटी है। 
मेरी बात अलग है, मैं तो शर-सैया पर लेटा हूँ
तुम्हारे पिता डॉक्टर है, मैं किसान का बेटा हूँ।

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