क्या बोल दिया था उसने तुम्हारे कान में
जो छोड़ कर चले गए तुम हमे सुनसान मे
बुढ़ापे में मैं हम दोनों को साथ देखता था
शायद कोई भारी कमी थी मेरे अनुमान में ।
ये सच है या मुझे ही नजर नहीं आता
तुम्हारे बाद तुम सा मिला नहीं जहान में
तुम सुपर ओवर में फ्री हिट जैसी
मैं नो बॉल पर रन आउट जैसा
आखिर हुआ कैसे ये मेल खेल के मैदान में।
तुम्हारे पीछे मैं खुद को नहीं छोड़ सकता
किसान वाले गुण तो रहेंगे श्याम एक किसान में।
Comments:
Nice Roopa! Keep it up.
Unknown
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Nice Roopa! Keep it up.