सपनों को बना ले अट्टालिका
और ध्यान भुला दे मतवाली का
तू अकेला अलग अनेकों में है, पर
मिलेगा वही जो तेरे लेखों में है।
पुरानी यादों को बेच बाँट जला दे
यूँ कबाड़ी सा कबाड़ना अच्छा नहीं
वर्तमान में जी, भविष्य की सोच
यूँ गड़े मुर्दे उखाड़ना अच्छा नहीं।
किसी के नाम के आगे दिल लगाया
तूने भी किसी से था दिल लगाया
पर क्या इश्क़ करके कुछ पाया
बस दुखों को ही गले से तूने लगाया।
इश्क़ तो दिल से किया जाता है रे
माँग कर जुगाड़ना अच्छा नहीं।
वर्तमान में जी, भविष्य की सोच
यूँ गड़े मुर्दे उखाड़ना अच्छा नहीं।
लोगों का तो सपना ही मनी है
तेरी जिंदगी संघर्षों से सनी है
जो आज इज़्ज़त है खुद की नज़र में
ये बड़ी मुश्किलों से बनी है।
अब बस कर ये रोना रोना
बनी बात को बिगाड़ना अच्छा नहीं
वर्तमान में जी, भविष्य की सोच
यूँ गड़े मुर्दे उखाड़ना अच्छा नहीं।
उनको उनके कर्मों का फल मिलेगा
ये अनदेखापन ज्यादा नहीं चलेगा
तू सिर्फ मेहनत कर बढ़ता चल
बाकी सब कुछ खुदा सम्भाल लेगा।
दुःखी तो है पर चुप चाप रह
ये बेमतलब दहाड़ना अच्छा नहीं।
वर्तमान में जी, भविष्य की सोच
यूँ गड़े मुर्दे उखाड़ना अच्छा नहीं।
~Shyam Sunder
See also:
broken heart poems in English
Life Without You
Start of Sleepless Nights
Moved On
But, Even and Because