gazal ‎

Sep 11, 2020 · 62 words · 1 minute read

 

आस्था को रक्त की हसरत क्यूँ
इंसान को इंसान से नफरत क्यूँ

जब खुदा एक है तरीके अलग
धर्म के अपमान की जुर्रत क्यूँ

इंसान में इंसानियत नहीं रही
पर हैवानियत की कसरत क्यूँ

मिल कर रहने से होता है भला
फिर ना मिलने की फितरत क्यूँ

जो मन से माने वो ही तो है धर्म
‘श्याम’ फिर प्रचार की जरूरत क्यूँ?

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